Wednesday, 27 January 2010

पचाइसके लाज

असल समाचार बानी व्यवहार
भए पुराना अतीतका किस्सा
हल्ला-कल्पना हावी हुंदा
सत्य त भाग्यो धेरै टाढा
दुनियांमा उज्यालो कतै छैन
पचाइसके लाऽऽज, सबै कुजात

फल्दोफुल्दो रौद्रता
ओइलिंदो छ भद्रता
खूब मस्किदैंछे विकृति
रुंदैछे आज बिचरी संस्कृति

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